Aap Na Badlenge Aap Na Badlenge

Aap Na Badlenge

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Beschreibung des Verlags

इस पुस्तक के नाटकों में एक बहुत ही सामयिक और महत्त्वपूर्ण थीम को उठाया गया है। दहेज के सवाल पर हर स्तर पर कुछ न कुछ लिखा जाना चाहिए लेखक ने इस समस्या पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए नाटक का सहारा लिया। भाषा में बहुत कसावट है और नाटकीयता भी है। प्रारम्भिक दृश्य बड़े सघन लगते हैं और कार्य-व्यापार में भी एक तरह की नाटकीयता क्रूरता का अहसास होता है जो ज़रूरी है।

GENRE
Belletristik und Literatur
ERSCHIENEN
2012
19. März
SPRACHE
HI
Hindi
UMFANG
112
Seiten
VERLAG
Bhartiya Sahitya Incorporated
GRÖSSE
637,1
 kB

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