Bhartiya Bhashaon Mein Mahabharat Ki Sahitya-Yatra
भारतीय भाषाओं में महाभारत की साहित्य-यात्र
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Publisher Description
‘भारतीयभाषाओंमेंमहाभारतकीसाहित्ययात्र’एकऐसीपुस्तकहैजोहमेंअपनेसाथएकयात्रापरलेचलतीहै।महाभारतअपनेआपमेंएकऐसीकालजयीरचनाहैजोहजारोंवर्षोंकेकालखण्डसेपारगमितहोतीहुईआजभीहमारेबीचहै।गाँव-देहातहोयाकस्बा-शहरहरजगह,हरपीढ़ीकेलोगोंकोइसकथाकेबारेमेंकुछनकुछअवश्यपताहोताहै।महाभारतकेविषयमेंयहप्रसिद्धहैकि-‘जोइसजीवन-जगतमेंहैवहमहाभारतमेंहैऔरजोमहाभारतमेंनहींहैवहकहींनहींहै।’अर्थातजीवन-जगतकेनानाव्यापारोंकासंग्रह,एकप्रकारसेज्ञानकाइनसाइक्लोपीडियाहैमहाभारत।प्रभाकरश्रोत्रियजीकीइसपुस्तककीविशेषतायहहैकियहहमेंभारतवर्षकीविभिन्नभाषाओंमेंरचीगयीमहाभारतकथाओंसेपरिचितकरवातीहै।एकदूसरीविशेषतायहभीहैकिइसपुस्तककेद्वाराहममहाभारतकेकईसंस्करणोंसेदो-चारहोतेहैं।उदाहरणकेलिएकिसीभाषाकीमहाभारतकथामेंकुंतीऔरगांधारीकासगीबहनेंहोना,अर्जुनकाअपनेबेटेबब्रुवाहनकेहाथोंमाराजानाआदिकहानीकोनएमोड़,नएअर्थदेतेहैं।कथानकवही‘कौरवों-पांडवोंकेबीचकाधर्म-युद्ध’होतेहुएभीसहायककहानियाँबदली-बदलीहैं।इसअंतरकेपीछेकामकरताहैलोक,लोककीभाषा,लोककीसमझ।लोकइनकहानियोंकोइतनीबारइतनेतरीकेसेमथताहैकिकुछनकुछनयानिकलतारहताहै।इसलिए‘महाभारत’कायहक्रमनिरंतरचलतारहताहै,कभीखत्मनहींहोता।हरसमय,हरसमाजअपनामहाभारतरचताहैऔरउसमेंअपनेअर्थभरतेहुएस्वयंअपनेकोखोजताहै।