Khamoshiya Khamoshiya

Khamoshiya

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Publisher Description

बहुत सोचा तेरे खत का जवाब लिखूं,
मगर लिखूं भी तो क्या लिखूं।
चंद लफ्जों में बयान कैसे हो,
सोचा हाल ए दिल पे एक किताब लिखूं॥
जिक्र तेरा आए उससे पहले,
तुमको गुल लिखूं या माहताब लिखूं॥
मेरे हाथों में हो अगर किस्मत की किताब,
तो इश्क से आगाज और इश्क पे अंजाम लिखूं॥

ये किताब दिल के उन एहसासों को बयान करती है, जो पहले प्यार के दूर हो जाने पर हम महसूस करते है।

किताब मैं लिखी हर एक शायरी आपके दिल तक जाएगी, और आपको आपके पहले प्यार की याद दिलाएई।

यह लफ्ज़ नही एहसास है,
तेरे मेरे दिल के अल्फाज है।
जो कत्ल हुए बरसो पहले,
दिल मैं दफन वो जज़्बात है।।

GENRE
Professional & Technical
RELEASED
2021
5 June
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
10
Pages
PUBLISHER
Vivek kumar bajaj
SELLER
Draft2Digital, LLC
SIZE
346.8
KB

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