इसिस का जागरण, एक संगीत-लीला
Publisher Description
इसिस का जागरण, एक संगीत-लीला, समस्त सांसारिक सीमाओं को भेद जाने वाला और सम्मोहित कर देने
वाला एक शब्दहीन संगीत-नाटक है। इसमें नारी जाति की आदि-देवी, इसिस की दुःख, शोक, पीड़ा, कठिनाइयों
और विजय की रूपक-कथा को बिलकुल प्राचीन मिस्री माहौल में, अभिनय, व्याख्यात्मक नृत्य, गीतात्मक
नृत्य, प्रक्षेपण और विशेष प्रकाश प्रभावों की सहायता से प्रस्तुत किया गया है।
रंग-बिरंगी रोशनी, संगीत और मनोरंजन का सुन्दर और मनमोहक प्रवाह, भावनाओं का ऐसा ज़बर्दस्त और
संपूर्ण उतार-चढ़ाव पैदा करेगा कि हर उम्र के हर दर्शक के दिलों-दिमाग को भरपूर आनंद और प्रेम से सराबोर के
देगा।
यह लीला देवी की छिपी शक्तियों को उजागर करने और उन्हें सबल बनाने में मदद करेगी।
मिस्री देवी इसिस एक ऐसी संरक्षिका थी, जिसके कृपा के दायरे में सारी मानवीय आवश्यकताएं आती थीं। वह
महान और कृपालु नेतेर्त (देवी) और माता थी, जिसका प्रभाव और स्नेह धरती और आकाश तथा अन्य समस्त
लोकों में व्याप्त हुआ; और वह सृजनात्मक शक्ति के महानारी स्वरूप का ऐसा साकार रूप बन गयी, जिसने
स्वर्ग के देवताओं से लेकर धरती के इंसानों और धरती पर रेंगने वाले कीड़े-मकोड़ों जैसे हर जीव और हर पदार्थ
को गर्भस्थ किया और फिर जन्म दिया।
इस लीला में 6 दृश्य हैं, जो इस संख्या विशेष के साथ इसिस के संबंध को दर्शाते हैं – यह धरती माता का प्रतीक
है, जिसे इतने ही फलक वाले घनाकार बक्से से दर्शाया जाता है।
इस पुस्तक में 11 अध्याय हैं, जो इस प्रकार हैं:
अध्याय 1: वीडियो
अध्याय 2: लीला के बारे में विवरण
अध्याय 3: प्रामाणिक मिस्री संगीत और नृत्य के बारे में विवरण
अध्याय 4: दृश्य/अंक 1 - ओसीरिस की वापसी और मृत्यु
अध्याय 5: दृश्य/अंक 2 – एकाकी कपोत [बच्चों के मुंह से!]
अध्याय 6: दृश्य/अंक 3 – पवित्र पेड़ [जीवन वृक्ष]
अध्याय 7: दृश्य/अंक 4 - होरस का अमलोद्भव
अध्याय 8: दृश्य/अंक 5 – खंडित टुकड़े
अध्याय 9: दृश्य/अंक 6 - इसिस का जागरण
अध्याय 10: लीला के गूढ़ रहस्यवादी प्रतीकों का संक्षिप्त परिचय
अध्याय 11: लीला की प्रस्तुति और प्रगति