चंद्रकांता संतति
भाग ६
Publisher Description
चंद्रकांता संतति भाग-६ देवकीनंदन खत्री का काफी लोकप्रिय उपन्यास है। कुँवर इन्द्रजीत सिंह की तलाश में राजा वीरेंद्र सिंह सहित सभी खंडहरनुमा मकान में पहुँचते हैं। यह भी कोई तिलिस्मी भवन का हिस्सा है। यहाँ कई सारी घटनाएँ चल ही रही है कि इसी बीच थोड़े देर के लिये शिवदत्त अपने ऐयारों तथा सैनिकों के साथ उस खंडहर को घेर लेता है जिसके भीतर राजा वीरेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ मौजूद है। लेकिन उसका कोई ज्यादा असर नहीं होता, वह एक भुलावे में कहीं गायब कर दिया जाता है जिसका खुलासा आगे के दूसरे भाग में होगा। कहानी अब एक मोड़ पर पहुँचती है जहाँ नये-नये पात्रों का परिचय होता है, हालाँकि इनकी कारगुजारी पिछले भागों में भी चलती रहीं है। राजा वीरेंद्र सिंह और तेज सिंह को छोड़ ज्यादातर ऐयार कुँवर इन्द्रजीत सिंह, कुँवर आनंद सिंह सभी कहीं गायब हो जाते हैं और फिर उसी मायावी स्त्री के सयोग से तेजसिंह राजा के साथ बचाएं जाते हैं। पाठक कई बार दुविधा या असमंजस में होंगे कि कहानी कैसे-कैसे मोड़ ले रहीं है लेकिन इस उपन्यास की बनावट ही ऐसी है जिससे पाठक को धैर्य रखना होगा। यहाँ से कहानी ऐयारों के साथ तिलिस्म में प्रवेश करने वाली है जिसकी थोड़ी सी भूमिका अगले भाग में देखेंगे। इस तरह कहानी पाठकों के मन में कौतुक पैदा करते हुये अगले भाग में प्रवेश करती है।