वे आँखें वे आँखें

वे आँखे‪ं‬

Ve Aakhen

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Publisher Description

कहानी कहने के तौर-तरीके कितने ही प्रकार के हैं। तमाम लेखकों की कहानियाँ जिस तरह एक ही तरह की नहीं होतीं, उसी तरह सबके लेखन की पद्धतियाँ अलग-अलग तरह की होती हैं। चूँकि सबके लेखन के तौर-तरीके अलग-अलग तरह के होते हैं, इसीलिए साहित्य का इतिहास भी इतनी विचित्रताओं से भरा है। लेखक जिस तरह अलग-अलग कोटि के होते हैं। पाठक भी उसी तरह अलग-अलग प्रकार के होते हैं। तरह-तरह के पाठकों की तरह-तरह की रुचियों के कारण ही साहित्य में इतनी विचित्रताएं मिलती हैं। यही वजह है कि साहित्य की दुनिया कभी पुरानी नहीं पड़ती।

GENRE
Romance
RELEASED
2012
March 31
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
194
Pages
PUBLISHER
Bhartiya Sahitya Inc.
SELLER
Bhartiya Sahitya Inc.
SIZE
929.8
KB

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