



हुई हिक सिन्धी बोली
Publisher Description
प्रिय बंधुओ, हम पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए और हमारा सिंध प्रांत उसीके अधकार क्षेत्र में चला गया अतः सिन्धी के अस्तित्व को बचाए रखना हमारी पहली ज़िम्मेदारी है. अतः मेरी कामना यही है कि सिन्धी के जो अवशेष शेष हैं उन्हें मिटटी में मिलने से बचाएं और उचित खाद पानी देकर पोषित करें. मैंने अपने ८ वर्षों के सृजन काल में हिंदी भाषा में काफी साहित्य सृजन किया है, मगर सिन्धी में ग़ज़ल विधा में सृजन मेरा प्रथम प्रयास है. इसका विचार सिन्धी माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के आधार पर हिंदी के छंद विधान के अध्ययन के बाद मन में आया. सिन्धी का साहित्यिक ज्ञान अथवा उपाधि न होने से लेखन में गलतियाँ होना स्वाभाविक है अतः कृपया उनपर ध्यान न देकर ग़ज़लों का आनंद लें और अपनी प्रतिक्रिया द्वारा अनुग्रहीत करें.