Virangna Ahilyabai Holkar (वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर) Virangna Ahilyabai Holkar (वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर)

Virangna Ahilyabai Holkar (वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर‪)‬

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Publisher Description

अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र राज्य के चौंढी नामक गांव (जामखेड़ा, अहमदनगर) में हुआ था। वह एक सामान्य-सी किसान की पुत्री थीं। 10 या 12 वर्ष की उम्र में उनका विवाह सूबेदार मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव से हुआ था और महज 19 वर्ष की उम्र में ही वे विधवा भी हो गई थीं। 11 दिसम्बर, 1767 में अहिल्याबाई होल्कर का राज्याभिषेक हुआ, तत्पश्चात् उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बनवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण कराया, मार्ग बनवाए तथा प्यासों के लिए प्याऊ बनवाए तथा मन्दिरों में विद्वानों की नियुक्ति कराई। अहिल्याबाई खुद धर्मपरायण तथा कर्तव्यपरायण महिला थीं। वे हर रोज ईश्वर की प्रार्थना करती और सभी धार्मिक क्रियाकलापों को स्वयं ही संपन्न करती थीं। उन्होंने सबसे पहले भारत में नारी शिक्षा के महत्त्व को समझा और समाज में नारी शिक्षा के लिए जागृति पैदा की। इनके प्रयासों की वजह से समाज में नारी चेतना विकसित हुई। तीन दशक के अपने राज्य का सफल दायित्वपूर्ण राज-संचालन करती हुई अहिल्याबाई 13 अगस्त, 1795 को नर्मदा तट पर महेश्वर के किले में हमेशा के लिए महानिद्रा में सो गईं।

GENRE
Biographies & Memoirs
RELEASED
2021
December 1
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
160
Pages
PUBLISHER
Diamond Pocket Books
SELLER
diamond pocket books pvt ltd
SIZE
383.5
KB