मानसरोवर
भाग २
Descripción editorial
मानसरोवर भाग-२ प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानियों का संग्रह है। इस संग्रह के तहत ज्यादातर कहानियाँ कस्बाई या नगरीय जीवन से सम्बंधित है। जीवन के वृहद सरोकार को उजागर करने वाले लेखक प्रेमचंद ने ग्रामीण-समाज परिवेश के साथ कस्बाई जीवन को भी उकेरा है। इस संग्रह की कई कहानियों को आधार बना कर हिन्दी में फिल्में बन चुकी है, जो इनके वृहद सरोकार को दर्शाती है। कानूनी कुमार, कैदी, डामुल का कैदी, वेश्या, चमत्कार, मोटर के छीटे, दो बैलों की कथा, और रियासत का दीवान शीर्षक कहानियाँ तो काफी चर्चित और बहुपठित रही है। अपने वृहद लेखकीय सरोकार के तहत ही प्रेमचंद ने नगरीय जीवन के तथाकथित सभ्य, परिमार्जित जीवन के भीतर के हकीकत को उजागर किया है। जिस ग्रामीण भदेसपन से नगर समाज अपने को पृथक और ऊँचा समझता है, उसके परिमार्जन के भीतर उससे कही जटिल काई बैठी है, प्रेमचंद ने उस सत्य को उजागर किया है। वस्तुतः प्रेमचंद मानव स्वभाव और व्यवहार के शिल्पी लेखक है। जीवन चाहे नगरीय हो या ग्रामीण मानव स्वभाव तो साथ-साथ ही रहते हैं। इन्हीं व्यावहारों की सघन पड़ताल इस संकलन के कहानियों के माध्यम से प्रेमचंद कर रहे थे। मानव जीवन का वितान कितना हकीकत और कितना फसाना है अगर यह जानने की जिज्ञासा हो तो हमें प्रेमचंद को अवश्य पढ़ना चाहिये।