Kalyug ke Vedvyas : Munshi Premchand : कलियुग के वेदव्यास : मुंशी प्रेमचन्द Kalyug ke Vedvyas : Munshi Premchand : कलियुग के वेदव्यास : मुंशी प्रेमचन्द

Kalyug ke Vedvyas : Munshi Premchand : कलियुग के वेदव्यास : मुंशी प्रेमचन्‪द‬

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Descripción editorial

मुंशी प्रेमचंद्र की लोकप्रियता का कारण है - उनकी रचनाओं का साधारण , सरल व सहज होना । उनकी रचनाओं में उकेरी गई समस्याएँ हमारी निजी समस्याएँ है । जो समस्याएँ मुंशी जी ने सौ वर्ष पहले उठाई, आज भी उसकी प्रासंगिकता जस की तस है- यही उनके कालजयी रचनाकार होने का सबसे बड़ा प्रमाण है । इसमें कोई संदेह नहीं की युग-पर्यंत उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता अक्षुण्ण रहेगी । अत: प्रेमचंद्र को भारतीय समाज का युगद्रष्टा साहित्यकार कहा जा सकता है ।



प्रस्तुत पुस्तक में मुंशी प्रेमचंद्र की जीवनी से संबंधित समस्त जानकारी संग्रहित है । आशा है , इसके अध्ययन से पाठकबंधु अत्यन्त लाभान्वित होंगे ।

GÉNERO
Biografías y memorias
PUBLICADO
2017
27 de enero
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
159
Páginas
EDITORIAL
Diamond Pocket Books
VENDEDOR
diamond pocket books pvt ltd
TAMAÑO
1.5
MB

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