For God's Sake: In Human We Trust For God's Sake: In Human We Trust

For God's Sake: In Human We Trust

फ़ॉर गॉड्’स सेक :इन ह्यूमन वी ट्रस्ट

    • 2,49 €
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Beschreibung des Verlags

"आप मेरे सामने धरती का सबसे विकराल, भयावह और क्रूरतम खलनायक रख दीजिए, मैं उससे ताक़तवर नायक गढ़ दूँगा । क़लम पर ये दायित्व हमेशा रहा है कि जब कोई बुराई समाज पर इतनी हावी हो जाए कि उससे लड़ना असंभव हो जाए, तब वो उससे मुक़ाबला करने को, उससे भी बड़ा एक किरदार समाज के सामने रख दे, ताकि विकटतम परिस्थितियों में भी, जनमानस के अंतर्मन में, बुराई पर अच्छाई की जीत की आस कभी टूटने न पाए । यही सदियों से होता आया है ।
चाहे परिणाम कुछ भी हो, बुराई के विरोध में आवाज़ सदैव उठती रहना चाहिए, ताकि उसे कभी भी अपनी पूर्ण विजय का अभिमान न बन सके । हार जीत से परे, अन्याय, अधर्म और असत्य का विरोध ही सच्चा धर्म है । अनुचित की जीत, समाज की हार है ।
आर्कमिडिज़ ने कहा था, ‘आप मुझे खड़े होने के लिए जगह दीजिये और मैं इस दुनिया को बदल दूँगा’ । उसी तरह, इस कहानी के नायक ने भी एक दिन बहुत बड़ा सपना देखा । ये सपना उसने कभी किसी को नहीं बताया, मगर उस दिन से वो अपने खड़े होने के लिए सही जगह बनाने में लग गया । कभी कभी चाहे कुछ ही देर, कुछ ही पन्नों में, जब हम किसी कहानी को जी लेते हैं, तब फिर वो कहानी हमें जीने नहीं देती ।
जन्म लेते से ही सारी व्यवस्थाएं अपनी पूरी शक्ति व सामर्थ्य से आपको ग़ुलाम बनाने में जुट जाती हैं और जीवनभर आपको इसकी कभी भनक तक नहीं लगती, क्योंकि वो आपकी सोच को ग़ुलाम बना लेती हैं । आप पीढ़ियों तक उनसे स्वतंत्र नहीं हो पाते, क्योंकि एक दिन आप भी उसी व्यवस्था के प्रबल प्रतिनिधि बन जाते हैं । इसलिए वो उपक्रम श्रेष्ठतम है, जो सामूहिक चेतना के बदलाव को प्रेरित करे ।"

GENRE
Belletristik und Literatur
ERSCHIENEN
2023
4. Mai
SPRACHE
HI
Hindi
UMFANG
609
Seiten
VERLAG
True Sign Publishing House
GRÖSSE
2,7
 MB