Kapal Kundla
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Beschreibung des Verlags
खेतमेंबीजपड़जाएतोवहअपनेआपअंकुरितहोजाताहै।जबबीजअंकुरितहोताहै,तबकोईजाननहींपाता-कोईदेखनहींपाता।किन्तुएकबारबीजपड़जाएऔरबीजडालनेवालाकहींभीक्योंनरहेधीरे-धीरेअंकुरसेवृक्षसिरऊँचाकरखड़ाहोजाताहै।शुरूमेंवृक्षउंगलीबराबरहोताहै,जिसेदेखकरभीकोईदेखनहींपाता।क्रमशःवहतिल-तिलबढ़ताजाताहैऔरफिरवृक्षआधाहाथ,एकहाथ,दोहाथकेबराबरहोजाताहै।तबभीअगरउससेकिसीकीस्वार्थ-सिद्धिकीसंभावनानरहेतोउसकीओरकोईदेखतानहींयादेखकरभीनहींदेखता।
-बंकिमचन्द्रचट्टोपाध्याय