Rabindranath Ki Kahaniyan - Bhag 2 - (रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियाँ - भाग-2) Rabindranath Ki Kahaniyan - Bhag 2 - (रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियाँ - भाग-2)

Rabindranath Ki Kahaniyan - Bhag 2 - (रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियाँ - भाग-2‪)‬

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Publisher Description

रवीन्द्रनाथ एक गीत हैं, रंग हैं और हैं एक असमाप्त कहानी। बांग्ला में लिखने पर भी वे किसी प्रांत और भाषा के रचनाकार नहीं हैं, बल्कि समय की चिंता में मनुष्य को केन्द्र में रखकर विचार करने वाले विचारक भी हैं। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ उनके लिए नारा नहीं आदर्श - था। केवल ‘गीतांजलि’ से यह भ्रम भी हुआ कि वे केवल भक्त हैं, जबकि ऐसा है नहीं। दरअसल, विटमैन - की तरह उन्होंने ‘आत्म साक्ष्य’ से ही अपनी रचनाधर्मिता को जोड़े रखा। इसीलिए वे मानते रहे कविता की दुनिया में दृष्टा ही सृष्टा है ‘अपारे काव्य संसारे कविरेव प्रजापति।’ हालांकि वे पारंपरिक दर्शन की बांसुरी के चितेरे हैं, फिर भी इसमें सुर सिर्फ रवीन्द्र के हैं। अपनी आस्था और शोध के सुर। कला उनके लिए शाश्वत मूल्यों का संसार था।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2020
23 October
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
144
Pages
PUBLISHER
Diamond Pocket Books
SIZE
1.1
MB

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