Suryakant Tripathi Nirala ki Prasiddh kavitayen Suryakant Tripathi Nirala ki Prasiddh kavitayen

Suryakant Tripathi Nirala ki Prasiddh kavitayen

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रसिद्ध कविताएँ

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Udgiverens beskrivelse

"यह कविता संग्रह ‘सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की प्रसिद्ध कवितएँ’ एक खास पेशकश है, जिसमें राष्ट्प्रेम, जन चेतना, प्रकृति चित्रण और आडम्बरों का विरोध आदि विषयों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही ‘वह तोडती पत्थर’ जैसी कविताओं के माध्यम से लेखक ने नारी शक्ति का भी अद्भुत चित्रण किया है। कविताओं की सरल लेखन शैली और संवेदनशील मनोभाव अंतर्मन को छू लेने वाले हैं। इसमें समाहित कविताएँ अद्भुत शब्द, अपूर्व संकल्पना और प्रेरणा से भरी हैं, जो पाठक को अवश्य ही आनंदित करेंगी।
आँख-कान मूँदकर, जनता ने डुबकियाँ लीं।
आँख खुली-राजे ने, अपनी रखवाली की।।

झूम-झूम मृदु गरज, गरजे घन घोर!
राग-अमर! अंबर में भर निज रोर!"

GENRE
Skønlitteratur
UDGIVET
2023
20. juli
SPROG
HI
Hindi
SIDEANTAL
52
Sider
UDGIVER
True Sign Publishing House
STØRRELSE
641,4
kB

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