Godan - गोदान Godan - गोदान

Godan - गोदा‪न‬

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Descripción editorial

"गोदान" मुंशी प्रेमचंद का अंतिम और संभवतः सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास है। यह 1936 में प्रकाशित हुआ था और तब से हिंदी साहित्य की एक आधारशिला बना हुआ है। यह ग्रामीण भारत की गरीबी, शोषण और सामाजिक अन्याय की मार्मिक कहानी है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी तब थी।


"गोदान" हरी नामक एक गरीब किसान और उसकी पत्नी धनिया के इर्द-गिर्द घूमता है, जो जीवन भर कर्ज से जूझते रहते हैं। हरी की एक ही अभिलाषा है - एक गाय का मालिक होना, जो भारतीय किसान के लिए समृद्धि और सम्मान का प्रतीक है। अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए वह कर्ज लेता है, लेकिन दुर्भाग्य उसका पीछा नहीं छोड़ता। गाय मर जाती है और हरी कर्ज के दलदल में और धंस जाता है।



उपन्यास में ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया है - जमींदारों का शोषण, साहूकारों का चंगुल, जाति व्यवस्था की कठोरता, और गरीबी का दंश। हरी और धनिया के संघर्षों के माध्यम से प्रेमचंद ने भारतीय किसान की दुर्दशा को मार्मिक ढंग से चित्रित किया है।

GÉNERO
Ficción y literatura
PUBLICADO
2024
10 de diciembre
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
703
Páginas
EDITORIAL
Sai Publication
VENDEDOR
Kumar Gaurav
TAMAÑO
2.4
MB
संग्राम संग्राम
2016
Godan Godan
2024
Eidgah and Other Stories Eidgah and Other Stories
2024
Mansarovar (Part 7) (Hindi) Mansarovar (Part 7) (Hindi)
2024
Mangalsutra (Hindi) Mangalsutra (Hindi)
2023
Mansarovar Mansarovar
2022