15 लाख की लीगल नोटिस
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Descripción editorial
आधार कार्ड के नाम पर भारत के नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाले व्यक्ति 'नरेंद्र मोदी (Prime Minister-in-Person)' के खिलाफ अकेले खड़े होने वाले एक आम भारतीय नागरिक के साहस की ऐतिहासिक तहरीर।
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जो लोग इस किताब में कथित 21 मार्च 2018 का आदित्य श्रीवास्तव का वीडियो नहीं देख पा रहे हैं वे इसे किताब में कथित आदित्य श्रीवास्तव के फेसबुक पेज के updated लिंक से देख सकते हैं
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पुस्तक से उद्घृत अंश:
"छप्पन इंच की छाती वाले नरेंद्र मोदी साहब को चाहिए था कि अपने बैंक खातों, पैन कार्ड और मोबाइल नम्बरों को अपने आधार कार्ड से जुड़वा कर अपनी योजना का 'उद्घाटन' करते जिस तरह ये हर चीज का श्रेय लेने के लिए 'उद्घाटन' करते फिरते हैं। 'उद्घाटन' का प्रयोजन ही यही होता है कि उद्घाटनकर्ता उद्घाटित चीज की सुरक्षितता, विश्वसनीयता और प्रामाणिकता की पुष्टि करता है। आधार की सुरक्षितता, विश्वसनीयता और प्रामाणिकता की पुष्टि करने की बजाय मुझे ही नकली वकील साबित करने की इन लोगों की यह हरकत वास्तव में बेहद ओछी और निंदनीय है लेकिन फिर भी मैं यह बिलकुल नहीं चाहूंगा कि अब इस आधार मामले में मुझे अपनी तरफ से कुछ करना पड़े। मैं तो यही चाहूंगा कि मेरे हस्तक्षेप किये बिना ही यह आधार मामला शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हो जाए और आधार के नाम पर किया जाने वाला हम लोगों का यह मानसिक उत्पीड़न बंद हो जाए।।" मेरे भाई ने कहा।
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मेरे जीवन में घटित हुयी इन घटनाओं, जिन्हें निजी याददाश्त के लिए मैंने दर्ज कर रखा था, को मैं कभी शायद आपके सामने न रखता और ये सारी बातें समय के गुमनाम अंधेरों में कहीं खो जातीं लेकिन अब हालात ऐसे हो गये हैं कि यदि मैं इन्हें आपके सामने नहीं रखता हूँ तो शायद इन्हें बताने के लिए मैं जीवित न रहूँ। जीवन पर आये इस खतरे को देखते हुए मुझे लगता है कल को यदि मैं और मेरे परिवारजन जीवित नहीं बचते हैं तो उस स्थिति में भी आप उस सच्चाई को देख और समझ सकें जिसे आपसे छिपाने की कोशिश की जा रही है।
आलोक श्रीवास्तव
16 जनवरी, 2019
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