Shabar Mantra : शाबर मंत्र : दुर्लभ, दुष्प्राप्य, गोपनीय मंत्रों पर Shabar Mantra : शाबर मंत्र : दुर्लभ, दुष्प्राप्य, गोपनीय मंत्रों पर

Shabar Mantra : शाबर मंत्र : दुर्लभ, दुष्प्राप्य, गोपनीय मंत्रों प‪र‬

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Descripción editorial

शाबर मंत्र विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रचलित व सर्वमान्य मंत्र हैं, जो बोलचाल की विभिन्न भाषाओं में विश्व के प्रत्येक भूभाग में प्रचलित है। शाबर मंत्र क्या है? शाबर मंत्रों की विशेषता क्या है? इन मंत्रों का प्रचलन कब से प्रारंभ हुआ? ऐसे अनेक अनसुलझे प्रश्नों का सही समाधान आपको इस पुस्तक के माध्यम से पहली बार प्राप्त होगा। प्रबुद्ध पाठकों की कई बार शिकायतें आती हैं कि अनेक उपाय करने पर भी मंत्र सिद्ध क्यों नहीं होते? इस प्रसंग में मंत्रचोर साधक व गुरुमार शिष्यों की मनोवृत्ति का पटाक्षेप किया गया है। मंत्र साधना में विभिन्न मुद्राओं के महत्त्व पर सचित्र प्रकाश डाला गया है। मंत्र साधना की सफलता में जहां आसन, स्थान, माला व गणवेश का महत्त्व है, वहां दीक्षा का महत्त्व सर्वोपरि है। गुरु के प्रति सच्ची आस्था, भक्ति व दृढ़ता के साथ मंत्र-दीक्षा ही मनुष्य के शरीर का कायाकल्प करती है। दीक्षा से साधना मार्ग प्रशस्त व प्रकाशित होता है।



शाबर मंत्रों के प्रणेता भगवान् शंकर हैं। शंकर शबर, किरात व भील का वेश धारण करके भी कठोर तपस्या की थी। पर्वतों में विचरण करने वाली उनकी पत्नी पार्वती ने भी अनेक बार भीलनी का वेश धारण किया था। भगवान् शंकर के ही अंशावतार श्री हनुमान जी से संबंधित सभी दोहे-चौपाइयों की गिनती सिद्ध शाबर-मंत्रों में होती है। इसके अलावा जैन सम्प्रदाय में महावीर स्वामी, मुस्लिम सम्प्रदाय में मेमदापीर के नाम से भी कई शाबर मंत्र प्रचलित हैं। इस पुस्तक में ऐसे अनेक प्रसिद्ध व प्रचलित मंत्रों का संकलन किया गया है। अनेक प्राचीन पांडुलिपियों के अलावा कल्याण के विशेषांकों एवं अन्य ग्रंथों से भी सामग्री का संकलन कर सहायता ली गई है।

GÉNERO
Religión y espiritualidad
PUBLICADO
2017
1 de febrero
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
164
Páginas
EDITORIAL
Diamond Pocket Books
TAMAÑO
2,8
MB