Abhigyan Shakuntalam : अभिज्ञान शाकुन्तलम् Abhigyan Shakuntalam : अभिज्ञान शाकुन्तलम्

Abhigyan Shakuntalam : अभिज्ञान शाकुन्तलम‪्‬

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Publisher Description

कालिदास सम्राट विक्रमादित्य के नररत्नों में से एक थे । उन्हें संस्कृत साहित्य में मूर्धन्य कवि माना जाता है । उनकी सभी काव्य-कृतियां काव्य-मनीषियों द्वारा प्रशंसित हुई हैं । पर उनकी नाट्यकृति 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' में उनकी साहित्यिक प्रतिभा ने जो कमाल दिखाया है, यह बेजोड़ है।



जर्मन कवि गेटे के अनुसार- यदि तुम युवावस्था के फूल, प्रौढ़ावस्था के फल और अन्य ऐसी सामग्रियां एक ही स्थान पर खोजना चाहो जिनसे आत्मा प्रभावित होता हो, तृप्त होता हो और शांति पाता हो, अर्थात् यदि तुम स्वर्ग और मृत्युलोक को एक ही स्थान पर देखना चाहते को तो मेरे मुख से सहसा एक ही नाम निकल पड़ता है-



'अभिज्ञान शाकुन्तलम्" । महान् कवि कालिदास को एक अमर रचना

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2017
3 August
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
128
Pages
PUBLISHER
Diamond Pocket Books
SIZE
1.3
MB

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