Pran Aur Pranayam
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Publisher Description
"नाक से बाहरी वायु का भीतर प्रवेश करना श्वास कहलाता है और भीतर की वायु का बाहर निकालना प्रश्वास कहलाता है। इन दोनों के नियंत्रण का नाम प्राणायाम है।
प्राण का सहज प्रवाह पूरे शरीर को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है। प्राण जब गलत मार्ग के माध्यम से बहने लगता है, इसके प्रवाह में अवरोध उत्पन्न होने से मानसिक और शारीरिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। प्राणायाम के विशिष्ट अभ्यास द्वारा प्राण के प्रवाह को सुचारु बनाया जाता है।
यों तो योग की हर विधि कारगर होती है, लेकिन कपालभाति प्राणायाम को सबसे कारगर गया जाता है। कपालभाति प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है। प्राणायामों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जानेवाली रेचक प्रक्रिया है। कपाल अर्थात् मस्तिष्क और भाति का अर्थ होता है दीप्ती, आभा, तेज, प्रकाश आदि। कपालभाति में मात्र रेचक अर्थात् श्वास को शक्तिपूर्वक बाहर छोड़ने में ही पूरा ध्यान दिया जाता है।
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