Bade Badon Ke Utpat
बड़े बड़ों के उत्पात
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- 3,49 €
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Description de l’éditeur
प्रस्तुत पुस्तक ‘बड़े बड़ों के उत्पात’ नामक शीर्षक से ही पाठकगण को इसकी कड़वी सच्चाई का अंदाजा लग सकता है। कुछ लेखक हाथ घुमा-फिराकर नाक पकड़ते हैं, जबकि श्री सुरेन्द्र शर्मा ने लेखनी रूपी हाथ से समाज में फैली बुराइयों की सच्चाई की नाक सीधे पकड़ने की कोशिश की है।
वर्तमान में घट रही घटनाओं को पैनी नजरों से देखकर जो विचार उनके मन में आए हैं, उन्हीं विचारों का यह अनोखा संकलन है। इन्होंने समाज सुधारने की बात इस प्रकार कही है – “इस कोहरे में मंदिर मार्ग वाले संसद मार्ग पर जाएं या संसद मार्ग वाले मंदिर मार्ग पर चले जाएं, भटके हुए दोनों ही हैं। मैं इस देश की जनता से कहना चाहता हूं कि इन भटके हुए लोगों के बहकावे में न आएं, न संसद मार्ग पर जाएं, न मंदिर मार्ग पर जाएं, जाएं तो सिर्फ जनपथ मार्ग पर जाएं” ।
इस प्रकार यह पुस्तक अपने आपमें हंसी के व्यंग्य से भरपूर जीवन के तथ्यों-सत्यों व सामाजिक स्थितियों को हू-ब-हू लिखकर लेखक ने पाठकों को नई जानकारियों से अवगत कराया है।