Vayanjan : Kuchh Naye, Kuchh Purane : व्यंजन: कुछ नये, कुछ पुराने Vayanjan : Kuchh Naye, Kuchh Purane : व्यंजन: कुछ नये, कुछ पुराने

Vayanjan : Kuchh Naye, Kuchh Purane : व्यंजन: कुछ नये, कुछ पुरान‪े‬

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Description de l’éditeur

भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है इसी कारण आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय मिलने लगे हैं । विदेशी बड़े चाव से भारतीय व्यंजनों की रेसीपी पूछ-पूछ कर घर में पकाने लगे हैं । एशियाई व्यंजन पकाने की विधियां उपाय व राज पूरे विश्व में भोजन प्रेमियों के स्वाद में अपनी जगह बनाने लगे हैं । सबसे खास बात तो यह है कि इन व्यंजनों को बनाने में सेहतमंद सरल तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है । साथ ही विविध प्रकार के तीखे और चटपटे मसाले और बड़ी-बूटियों का प्रयोग भी किया जाता है ।



इस पुस्तक में मैंने कुछ महाराष्ट्रियन पद्धति के मीठे नमकीन व्यंजन बनाने की विधि और उसमें लगने वाले मसाले बताये हुए हैं । कुछ मसाले तो पदार्थ बनाने के समय ही तैयार किये जाते हैं और कुछ हरेक रसोईघर में चाहे वो किसी भी पद्धति के व्यंजन बनायें पहले से मसाले कूट पीस कर बनाकर बोतल या डिब्बों में भरकर रखते हैं । (जैसे- लाल मिर्च हल्दी नमक आमचुर इत्यादि ।) बहुत पुराने समय में ये सब मसाले घर पर ही पीस कर रखे जाते थे लेकिन अब तो सब बाजार में ही तैयार मिलते हैं । बाजार के सब मसाले अच्छे होते हैं लेकिन फिर भी घर पर साबुत मसाले लेकर उनको साफ करके कूट पीस कर रखना ज्यादा किफायती पड़ता है । अब तो सब तरह की मशीनें बिकने लगी हैं इसलिए कुछ भी करना बहुत आसान हो गया है । लेकिन फिर भी लोगों को इतना समय नहीं है कि वो घर पर सब करें इसलिए बाजार में ही बने बनाए सब तरह के मसाले खरीदते हैं । कुछ सालों पहले तक लोग अपनी- अपनी पद्धति का ही खाना बनाते थे । लेकिन अब हरेक घर में सब पद्धति का खाना बनता है और सब लोग सब तरह का खाना पसंद करने लगे हैं । वैसे लोग काफी मात्रा में मसाले कूट पीसकर बनाकर रखते हैं लेकिन कुछ चीजें जैसे- जीरा काली मिर्च हरी इलायची सूखा धनिया जायफल - ज्यादा मात्रा में बनाकर नहीं रखना चाहिए क्योंकि कुछ समय बाद इनकी खुशबू कम हो जाती है । इसलिए इनको थोड़ी मात्रा में ही बनाकर रखना चाहिए ।

GENRE
Cuisine et vin
SORTIE
2017
11 octobre
LANGUE
HI
Hindi
LONGUEUR
150
Pages
ÉDITIONS
Diamond Pocket Books
TAILLE
3
Mo