नन्दी ग्राम
Publisher Description
नंदी ग्राम में शरदचंद्र चट्टोपाध्याय ने संस्मरणात्मक घटनाओं को कहानी शैली में प्रस्तुत किया है। गद्य की यह एक रोचक विधा है जिसे रिपोर्तार्ज कहते हैं। इस शैली में रचनाकार कथा वाचक की भूमिका में होता है। इस किताब में भी शरदचंद्र कथा वाचक की भूमिका में हैं। इसके तहत ज्यादातर कथा चर्च उनके ही उपन्यास और कहानी संग्रह के पत्रों, घटनाओं को लेकर है। किसी भी भाषा के साहित्य में साहित्यकार जीवन और समाज को भोगता है, भोगने के क्रम में ही वह समाज की पेचीदगी को समझाने की कोशिश करता है। इसी सिलसिले को निरंतर करते हुये शरद बाबू ने अपने ही पत्रों की पड़ताल की है। साथ ही कुछ चर्चा बंकिम बाबू के औपन्यासिक पात्र, कवि गुरु के स्वभाव की चर्चा तथा अपने स्वभाव एवं स्मृतियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया है। इस तरह के किताबों की रोचकता यह होती है कि पाठक लेखक के ऐसे अनुभव से परिचित होता है, जो उसके उपन्यास-कहानी में नहीं होते। इसमें बहुत हद तक लेखक का व्यक्तिगत जीवन उपस्थित होता है। लेखक कई घटनाओं को साझा करता है जिससे मिल कर उसका लेखकीय जीवन तैयार होता है। और पाठक ऐसी घटनाओं के माध्यम से उक्त समय की परिस्थितियों से अवगत हो पाता है। लोक में जो कथा वचन की परम्परा रही है उसी का एक शिक्षित और बौद्धिक रूप नंदी ग्राम में शरद बाबू ने प्रस्तुत किया है।