चार आँखों का खेल चार आँखों का खेल

चार आँखों का खे‪ल‬

Char Ankhon Ka Khel

    • HUF799.00
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Publisher Description

गर भविष्य के बारे में मनुष्य अंधा न होता तो दुनिया में रहना एकदम बेमजा हो जाता। भावी विपत्ति की संभावना निश्चित जानकर कोई किसी तरह के सुख के पीछे नहीं भागता। मिल्टन अगर जानते कि वे अंधे हो जायेंगे तो कभी विद्याध्ययन नहीं करते। शाहजहाँ अगर जानते कि औरंगजेब उन्हें बुढ़ापे में कैदखाने में डाल देंगे तो वे कभी दिल्ली की गद्दी नहीं छूते। भास्कराचार्य अगर जानते कि उनकी इकलौती बेटी विधवा हो जायेगी तो वे कभी विवाह नहीं करते। नवकुमार और उसकी नयी पत्नी को अगर यह मालूम होता कि उनके विवाह का क्या परिणाम होगा तो कभी उनका विवाह नहीं होता।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2011
25 January
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
136
Pages
PUBLISHER
Bhartiya Sahitya Inc.
SIZE
754
KB

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