कृतज्ञता के सिद्धांत [Principles of Gratitude] (Unabridged)
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Publisher Description
‘कतजञत क सदधत’ हर शरण क वयकतय क लए एक शत क कज ह यह उन सभ वयकतय क लए एक बहतरन लख ह ज कतजञत क दवर अपन जवन क दढत परदन करन चहत ह यह कतब आपक कतजञत क वभनन पहलओ स परचय करत ह, और सथ-ह-सथ कतजञत क अभयस क दनक जवन म उतरन पर जर दत ह कस भ उमर क वयकत, अपन जवन क कस भ पडव पर इसक सपरण लभ उठ सकत ह
कतजञत क सदरभ म, हम जतन अधक इसक अभयस करत ह, यह उतन ह परबल हत जत ह एव वयकत क लभनवत करत जत ह; बलकल जम जन क तरह— हम आसन स अतर कर सकत ह; एक ऐस वयकत म ज मशकल स हफत म एक बर जम जत ह और दसर ओर, ऐस वयकत ज रजन नयम
Please note: This book is in Hindi.