Sapne Jo Sone Na Den: सपने जो सोने न दें
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Descrizione dell’editore
सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए नींद गवानी पड़ती है। समस्याएं, बाधाएं और अभाव किस के जीवन में नहीं होता। कुछ लोग बने बनाए रास्तों पर चलते हुए भी भयभीत होते हैं, तो कुछ लोग अपने लिए खुद रास्ता तैयार करते हैं।
कुछ अलग करने की जिजीविषा ही समस्याओं से लड़ने और नये रास्ते बनाने का साहस पैदा करती है, यही साहस नई सोच को जन्म देती है। जिसने समस्याओं, बाधाओं और अभावों से लड़ना सीख लिया, उसके लिए हर दिशा में सफलताओं के द्वार खुले रहते हैं। बस आपकी आन्तरिक शक्ति और दृढ़ इच्छा प्रबल होनी चाहिए।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपने जीवन प्रबंधन, कृत्यों और खास कार्यशैली से एक साधारण से परिवार की दहलीज से देश के सर्वोच्च पद तक का सफर तय करके लोकप्रियता हासिल की। उन्हीं के जीवन प्रबन्धन से प्रेरित होकर डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा उनके सुविचारों और संदेशों पर
आधारित यह पुस्तक खासकर युवाओं और उन लोगों के लिए लिखी गयी है, जिन्हें अपने सपने साकार करने के लिए बाधाओं और कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।