चर्चिल - हाज़िर हो चर्चिल - हाज़िर हो

चर्चिल - हाज़िर ह‪ो‬

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Publisher Description

भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आज जब भारत विकास का पर्याय बन चुका है ऐसे में  विंस्टन चर्चिल की वह भविष्यवाणी सरासर गलत सिद्ध हुई है जिस में उन्होंने भारतीयों को देश चलाने में अयोग्य माना था | इसी बात को केंद्र में रख कर लिखी गई रवि कान्त अनमोल कान्त अनमोल की यह हास्य एकाँकी एक तरफ जहां हास्य व्यंग्य के साथ भारत की विकास यात्रा के दर्शन कराती है वहीं दूसरी तरफ भारत के विकास पर प्रश्न उठाने वालों के सवालों के जवाब भी प्रस्तुत करती है | कई मंचों पर सफलतापूर्वक प्रस्तुत की जा चुकी यह एकाँकी शुरू से अंत तक पाठक और दर्शक को बांध कर रखने में सक्षम है | हास्य और तथ्यों से परिपूर्ण एकाँकी को आजादी के अमृत महोत्सव पर लेखक की देशवासियों को एक भेंट माना जा सकता है 

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2023
January 27
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
19
Pages
PUBLISHER
Amit Sharma
SELLER
Draft2Digital, LLC
SIZE
127.9
KB
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