भीष्म
-
- ¥150
-
- ¥150
発行者による作品情報
अपनी इच्छा से प्राण त्यागानें की क्षमता रखने वाले भीष्म का एक और नाम देवव्रत है। वे राजा शंतनु और गंगा पुत्र थे। उन्होंने अपना सारा जीवन हस्तिनापुर साम्राज्य के उन्नती के लिए समर्पित किया कुरुवंशियों के मार्गदर्शक, भोदक, तत्वज्ञान के धनी वे आजीवनपर्यंत निष्ठा से सेवा किया। कुरुवंशजों के पितामह भीष्म अप्रतिम शूरवीर थे। अपनी माता सत्यवती को दिया वचनानुसार उन्होंने कभी विवाह नही किया और अपने भाईयों की विवाह के लिए राजकुमारी अंबा अंबिका और अंबालिका को ले आये। राजकुमारी अंबा भीष्म के सहोदर चित्रवीर्य और विचित्रवीर्य से विवाह करने से इनकार करती है। वह राजकुमार शाल्व से प्रेम करती थी परन्तु इस घटना के पश्चात् शाल्व ने भी उसे तिरस्कृत किया। इसके पश्चात् अंबा अपने अगले जन्म में शिखंडी के नाम से जानी जाती है और भीष्म पितामह के मृत्यु का कारण बनजाती है।