Aao Jagen : आओ जागें: अब करें खुद पर उपकार
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Descripción editorial
आओ जागें की रंग बिरंगी कविताएं, रंग बरसा सबके भीतर परिवर्तन लाएं, आओ जागें के अनेक इशारे, आशा है सबके मन को भाएं। रचनाकार की काव्य कृति ‘आओ जागें’ में समाज के बहुआयामी विचारों एवं प्रवृत्तियों, संकल्पनाओं के साथ-साथ कवियित्री की अपनी मौलिकता के दर्शन भी होते हैं। ग्रंथ पढ़कर स्पष्ट होता है कि रचनाकार ने समाज एवं जीवन के अंतद्र्वन्द्व को गहराई से न केवल अनुभव किया अपितु स्वयं भी जिया है, यही कारण है कि इस ग्रंथ में लोकहितार्थ संघर्षशील ऊर्जा की अभिव्यक्ति होती है। काव्यकार के इस संकलन में पत्थरों से सीखें, सत्य की विजय, समाज सेवा, ख़ुद की ताकत जैसे अनेक शीर्षकों में जनशक्ति का ऋषित्य की धरा में आवाहन मिलता है।