Ras Pravah (Poetry) (रस प्रवाह - कविता) Ras Pravah (Poetry) (रस प्रवाह - कविता)

Ras Pravah (Poetry) (रस प्रवाह - कविता‪)‬

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Publisher Description

"रस प्रवाह" एक ऐसा काव्य संग्रह है जो प्राकृतिक रूप से बनता चला गया। यह एक सतत प्रयास न होकर गुरु की ऊर्जा और शिव की कृपा का परिणाम है। इसका आरम्भ महाकालेश्वर, उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिंग में ही हुआ था। ऐसा कहते हैं कि गुरु स्वयं शिव हैं और शिव स्वयं गुरु हैं। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरी जी के द्वारा प्रदत्त यह नाम "रस प्रवाह" उन्हीं का सामर्थ्य है। "रस प्रवाह" जीवन की हर स्थिति में गुरु की प्रति पल सूक्ष्म उपस्थिति का गायन है।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2021
2 April
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
72
Pages
PUBLISHER
Diamond Pocket Books
SELLER
diamond pocket books pvt ltd
SIZE
1.9
MB