Bharat Ke 1235 Varshiya Swatantra Sangram Ka Itihas: Bhag-1: भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास: भाग-1
-
- USD 4.99
-
- USD 4.99
Descripción editorial
यह पुस्तक भारतीय इतिहास की अद्भुत झांकी का प्रथम खंड हैं, जिसमें स्पष्टतः बताया गया है कि हमारे देश की अंतःचेतना ने कभी गुलामी स्वीकार नहीं की। भारत सन् 712 से लेकर सन 1947 तक विदेशी सत्ता से संघर्ष करता रहा। इस श्रृंखला को 6 खंडों में प्रस्तुत किया गया है। प्रथम खंड में सन् 712 से सन 1206 तक की घटनाओं का उल्लेख किया गया हैं जिसे पढ़कर समझा जा सकता है कि सम्पूर्ण भारतवर्ष कभी गुलाम नहीं रहा, अपितु सदियों तक गुलामी से लड़ता रहा। ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास इस भूमंडल के किसी भी देश का नही हैं। सरल भाषा और विषयवस्तु के कारण यह पुस्तक अनूठी बन गई है।
भारतीय संस्कृति के अध्येता एवं उद्भट्ट प्रस्तोता राकेश कुमार आर्य हिन्दी दैनिक ‘उगता भारत’ के मुख्य संपादक हैं। 17 जुलाई, 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्धनगर के महावड ग्राम में जन्मे श्री आर्य का लेखन पूर्णतः राष्ट्रवादी है, जिसके लिए राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह सहित कई संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित भी किया है। उनकी अब तक दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें प्रमुख हैं-वैदिक संस्कृति में साम्यवाद के मूल तत्व, भारतीय छात्र-धर्म और अहिंसा, इस्लाम संदेहों के घेरे में, भारतीय मुसलमानों के हिन्दू पूर्वज मुसलमान कैसे बने?, मूर्ख बनाओ मौज उड़ाओः भाग-1, 2, 3, स्वातंत्र वीर सावरकर व्यक्तित्व और चिंतन, हिन्दू महासभा और काँग्रेस का इतिहास, राष्ट्र की चुनौतियां और उनके समाधान, राष्ट्र चिंतन के राजपथ पर, भारत में मानवाधिकार इतिहास और स्वरूप आदि। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कृत संकल्प श्री आर्य के चिंतन में प्राचीन संस्कृति और गौरवपूर्ण इतिहास के प्रति असीम अनुराग हैं, विचारों का अथाह सागर उन्हें लेखनी उठाने के लिए प्रेरित करता है।