Vardan : वरदान Vardan : वरदान

Vardan : वरदा‪न‬

    • S/ 6.90
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Descripción editorial

वरदान दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्रेमी जो बचपन में साथ-साथ खेले, जिन्होंने तरुणाई में भावी जीवन की सरल और कोमल कल्पनाएं संजोई, जिनके घर के निर्माण के अपने सपने थे, भावी जीवन के निर्धारण के लिए अपनी विचारधारा थी। किन्तु उनकी कल्पनाओं का महल शीघ्र ढह गया। विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचन्द के उपन्यास वरदान में सुवामा अष्टभुजा देवी से एक का वरदान मांगती है, जो जाति की भलाई में संलग्न हो। इसी ताने-बाने पर प्रेमचन्द की सशक्त कलम से बुना कथानक जीवन की स्थितियों की बारीकी से पड़ताल करता है। सुवामा का पुत्र प्रताप एक ऐसा पात्र है जो दीन-दुखियों, रोगियों, दलितों की निस्वार्थ सहायता करता है।



इसमें विरजन और प्रताप की प्रेम- कथा भी है; और है विरजन तथा कमलाचरण के अनमेल विवाह का मार्मिक प्रसंग। इसी तरह एक माधवी है, जो प्रताप के प्रति भाव से भर उठती है, लेकिन अंत में वह संन्यास को मोहपाश में बांधने की जगह स्वयं योगिनी बनना पसंद करती है।

GÉNERO
Juvenil
PUBLICADO
2017
4 de febrero
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
120
Páginas
EDITORIAL
Diamond Pocket Books
VENDEDOR
diamond pocket books pvt ltd
TAMAÑO
1.4
MB

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