Calcutta 85
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Descripción editorial
कथाशिल्पी विमल मित्र जी बंगला भाषा के ही नहीं, अपितु समस्त भारतीय भाषाओं के गौरव-स्तम्भ हैं। उनका साहित्यिक अवदान—परिणाम और गुणवत्ता, दोनों में ही—चिरस्मरणीय रहेगा। शरत् बाबू के बाद किसी ने समस्त भारतीयों का हृदय जीता है, तो वे हैं श्री विमल मित्र ही। विभिन्न चरित्रों की सृष्टि में इन्हें महारत हासिल है। ऐतिहासिक, पटभूमि में विरचित अपने उपन्यासों में इन्होंने प्रायः दो शताब्दियों के सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक चित्र को कुशलता के साथ प्रस्तुत किया है। अतीत के गौरव के साथ-साथ इन्होंने वर्तमान काल के अवक्षय को बखूबी दिग्दर्शित किया है। प्रस्तुत संकलन में कुल बारह कहानियां सम्मलित की गई हैं।