Ummedein Jindagi Hai  : उम्मीदें... जिन्दगी है : गज़लें एवं काव्य संग्रह Ummedein Jindagi Hai  : उम्मीदें... जिन्दगी है : गज़लें एवं काव्य संग्रह

Ummedein Jindagi Hai : उम्मीदें... जिन्दगी है : गज़लें एवं काव्य संग्र‪ह‬

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Descripción editorial

‘‘उम्मीदें... जिन्दगी है’’ पुस्तक मेरे विगत तीस वर्षों में लिखी गई कई रचनाओं में से चंद चुनिंदा रचनाओं का संकलन है। यह जीवन के अलग-अलग स्वरूपों के एक काव्यात्मक अध्ययन की संरचना है, जो संभवतः संवेदनशीलता के गुणों का एक दर्पण है। संवेदनशीलता को प्रगतिशील समाज कभी-कभी व्यक्तित्व विकास में अवरोधक भी मानता है। उनका मानना है जीवन व्यावहारिकता से चलता है और संवेदनशील व्यक्ति भावनाओं के वशीभूत इस भौतिक संसार की दौड़ में पीछे रह जाता है। परंतु मेरा मानना है कि संवेदनाओं की कमी ही हमारे आधुनिक समाज का सबसे बड़ा नासूर है। जिसकी आज के समाज को संभवतः सबसे ज्यादा जरूरत है।



मेरे इस काव्य संकलन में समाज, देश-काल की परिस्थितियां, सामाजिक रिश्तों, राजनीतिक प्रभाव, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक प्रवेश का समावेश देखने को मिलेगा। मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम बूंगा मल्ला की है जहां एक साधारण परन्तु स्वत्रंतता सेनानी परिवार में मेरा जन्म हुआ। शिक्षा उत्तरांखड, हरियाणा एवं दिल्ली के स्कूल व कॉलेज से प्राप्त हुई। मुख्यतः जीवन दिल्ली के संस्कार एवं संस्कृति में गुजरा, इसलिए कविताओं एवं गजलों में दिल्ली की भाषाओं यानी हिन्दी, उर्दू एवं पंजाबियत का लहजा है। मेरे कवि व शायर मित्रों ने मेरी रचनाओं को सुनने के बाद मुझे कई प्रकार के उपनाम एवं अलंकरणों के दायरे में मुझे बांधने अथवा नामांकित करने का प्रयास किया। उनकी राय में, मेरी रचनाएं सूफियाना अन्दाज, दार्शनिकता की झलक, आशिकाना मिज़ाज, या कभी-कभी साधुवादी प्रवृत्ति का चिंतन करती है।

GÉNERO
Ficción y literatura
PUBLICADO
2017
4 de febrero
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
141
Páginas
EDITORIAL
Diamond Pocket Books
VENDEDOR
diamond pocket books pvt ltd
TAMAÑO
554.3
KB

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