



बनवासी (Hindi Novel)
Banvasi (Hindi Novel)
-
- $4.99
-
- $4.99
Publisher Description
‘वनवासी’ का अभिप्राय उस वनवासी से नहीं है जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम की भाँति वन में वास करने के लिए चला जाता है अथवा अपना घर बार छोड़कर संन्यास ग्रहण कर वनों में जाकर तपस्या करता है। ‘वनवासी’ ऐसी वन्य जाति की कहानी है जो आदिकाल से पूर्वांचल के वनों में वास करते आ रहे हैं। जैसाकि हमने कहा है, उनके अपने रीति-रिवाज हैं, परम्परायें हैं। वे बड़े ही सरल चित्त प्राणी हैं। जिस काल की यह कहानी है उस काल में उनमें इतना अन्तर अवश्य आ गया था कि अपनी उपज को वे निकट के नगरों और उपनगरों में ले जाकर बेचने लगे थे। इससे वे अपनी उन आवश्यकताओं की पूर्ति करने लगे थे जो शहरी सभ्यता के सम्पर्क में आकर उन्होंने अपना ली थी। यहीं से उनके पतन की कहानी भी आरम्भ होती है