मैं कहां चला गया - नासिर काज़िमी की ग़ज़लें : Me Kaha Chala Gya - Nasir Kazmi ki Ghazale
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Lời Giới Thiệu Của Nhà Xuất Bản
पाकिस्तानी शायरी के स्वर्णिम हस्ताक्षर और उर्दू में नयी ग़ज़ल को प्रतिष्ठित करने वाले नासिर काज़मी हमारे दौर के उन शायरों में सर्वोपरि हैं, जिनके शेरों में हमारे दौर की आहट सुनाई देती है।
अपनी धुन में रहता हूँ
मैं भी तेरे जैसा हूँ
कहने वाले नासिर काज़मी की आवाज़ इस दौर के हर उस शख़्स की आवाज़ है जो उदासी और अकेलेपन के अँधेरे और घने जंगल से बाहर आने का रास्ता ढूँढ़ रहा है।
नासिर काज़मी की हृदयस्पर्शी ग़ज़लों का एक बेहतरीन संकलन
Science and Metaphysics: A Treatise on Bhagavad Gita
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धूप का चेहरा : बशीर बद्र की ग़ज़लें : Dhoop ka Chehra Bashir Badr ki Ghazalen
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International Perspectives on Public Health and Palliative Care
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Biodiversity of the Himalaya
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Climate Crisis: Adaptive Approaches and Sustainability
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