रामचर्चा
Publisher Description
रामचर्चा प्रेमचंद द्वारा लिखित, रामकथा पर आधारित एक सरल एवं रोचक कथा है, जो कि विशेषकर बच्चों को ध्यान में रख कर लिखा गया है। वैसे तो वाल्मीकि से लेकर भवभूति, तुलसीदास तक सब ने रामकथा लिखी है। वहीँ दूसरी विविध भाषाओँ में भी रामकथा लिखी गई है। राम भारतीय जनमानस की चेतना के शिखर पुरुष थे। उनकी धीरता-गंभीरता, उनकी लोक और मर्यादा सभी अनुकरणीय थीं। इसीलिये अपने समय के सभी सचेतक रचनाकारों ने अपने-अपने ढंग से उनकी कथा आख्यान को लिखा है। राम के चरित्र में हजार गुण थे और सभी प्रशंसनीय और अनुकरणीय थे। लेकिन जो बात सबसे अपीलप्रद थी वह यह कि शस्त्र-शास्त्र शिक्षा लेने के बाद से लंका विजय तक राम लगातार वध करते रहे, लेकिन उनके चेहरे की सौम्यता और हृदय की कोमलता में कही लेस मात्र भी फर्क नहीं आया। शायद इसी विशिष्ट गुण ने राम को मर्यादा पुरषोत्तम बना दिया। उक्त किताब को प्रेमचंद ने रामलीला-कथा के मायने बतलाने के लिये लिखी है। लेकिन यहाँ प्रेमचंद का आशय भी रामकथा के मर्म को उद्घाटित करना ही रहा है। नि:संदेह कथा सम्राट ने रामचर्चा के माध्यम से बाल-साहित्य की श्री-वृद्धि की है। इस किताब के माध्यम से बच्चे रामकथा में निहित सन्देश से परिचित हो सकेंगे। साथ ही साथ अपने जीवन में उनके व्यवहार-आचरण को उतार सकेंगे। इस लिहाज से यह किताब काफी पठनीय है।