वाल्मीकि रामायण प्रतिपादित सामाजिक व्यवस्था की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता वाल्मीकि रामायण प्रतिपादित सामाजिक व्यवस्था की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता

वाल्मीकि रामायण प्रतिपादित सामाजिक व्यवस्था की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकत‪ा‬

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Publisher Description

*वाल्मीकि रामायण वर्णित सामाजिक व्यवस्था की प्रासंगिकता*

महर्षि वाल्मीकि अयोध्यापति श्रीराम के समकालीन थे अतः उनका ग्रन्थ 'रामायण' तत्कालीन समाज का सच्चा दर्पण माना जाता है । प्रस्तुत शोध - प्रबंध में 'रामायण' में वर्णन की गयी सामाजिक व्यवस्था का सप्रमाण वर्णन करते हुए आज के युग में उसकी प्रासंगिकता की विवेचना की गयी है । यह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा अनुमोदित संस्कृत साहित्य के क्षेत्र का प्रथम शोध प्रबंध है जिसमें राम कथा के विभिन्न अनछुए प्रसंगों को पाठकों के सम्मुख लाने का स्तुत्य प्रयास किया गया है । प्रस्तुत ग्रन्थ जन मानस में व्याप्त विभिन्न भ्रांतियों तथा शंकाओं का यथासम्भव यथोचित समाधान भी प्रस्तुत किया गया है ।

GENRE
History
RELEASED
2021
July 19
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
308
Pages
PUBLISHER
Pencil
SELLER
PublishDrive Inc.
SIZE
12.2
MB
अँगना कँगना अँगना कँगना
2021
नानी कहे कहानी नानी कहे कहानी
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