स्किज़ोफ्रेनिया से जीवित बच कर निकल आना
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Publisher Description
इक्कीस वर्ष की आयु में रिचर्ड कार्लसन जूनियर को पैरानॉयड स्किज़ोफ्रेनिया हुआ । उनके रोग के लक्षण प्रारम्भिक किशोरावस्था में प्रत्यक्ष हुए । आधुनिक मनोरोग-विज्ञान ने उन्हें एक दशक से भी अधिक समय तक बहुत निराश किया । फिर पुलिस के साथ हुई घटना के पश्चात उन्हें वस्तुतः इस बात का बोध हुआ कि उनका पैरानॉयड स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित होना मिथ्या नहीं था, तथा अंततः वे स्वास्थ्यलाभ की लंबी राह पर चल पड़े । दस वर्ष से भी अधिक लम्बी समय-अवधि के पश्चात् उनके जीवन में बहुत बड़ा सुधार आया है । अपने उपचार के दौरान, रिचर्ड ने अवसाद, ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर एवं प्रमाद-आलस्य पर विजय प्राप्त की ।
रिचर्ड की कहानी को अपनी, अपने किसी परिजन अथवा गंभीर मनोरोग से जूझ रहे किसी रोगी की कहानी न बनने दें । एक-दूसरे एवं स्वयं के प्रति सदैव ईमानदार रहें । अधिक सीखने को इच्छुक रोगी, परिजन, देखरेख करने वाले, छात्र एवं मेडिकल व्यवसायी वेबसाइट www.survivingschizophrenia.com देखें ।