सुबह  हो गयी सुबह  हो गयी

सुबह हो गय‪ी‬

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Publisher Description

मनजीत ने १५ साल जेल में बिताये।जब जेल से रिहा हुआ तो उसकी बस एक ही इच्छा थी। माँ और पिता जी की सेवा करूँ। और जीवन अब शांति से निकले। पाप किसी और ने किया था मगर अपनी पूरी जवानी मनजीत ने जेल की चार दीवारी में काटी। उसने इन १५ वर्षों में मन को जिता। सब लोगों को माफ़ कर दिया। शायद यह मेरे पुराने कर्मों का भुगतान है उसने सोचा। मैं किसी को तंग नही करूँगा।कोई बदला नही लूँगा। मगर अबकी बार जो मेरे साथ अन्याय करेगा उसको मैं अब नही छोड़ूँगा। लेखक संजीव बग्गा के नये उपन्यास में आगे पढ़िये मनजीत के जीवन की दास्तान। क्या मनजीत सुख शांति से जी सका? क्या उसने अपने शत्रुओं को सजा दी?

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2020
June 27
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
93
Pages
PUBLISHER
SANJEEV BAGGA
SELLER
sanjeev bagga
SIZE
3.7
MB

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