संवेदनाएं
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Publisher Description
संवेदनाएंजोइंसानऔरइंसानियतकीविशेषताहैं।संवेदनाएंजिनसेइंसानअपनीपहचानबनाताभीहैऔरमिटाताभीहै।संवेदनाएं,जिन्हेंहमसंसारमेंअपनेपद,प्रतिष्ठा,धनवअहंकेजालमेंफंसकर,अपनेअंदरदफनकरदेतेहैंतोहमरिश्तोंकेप्यारेसेसंसारमेंअपनेआपकोबहुतअकेलाऔरबेबसमहसूसकरतेहैं।बचपनकीसहजताजोकिहमेशाजीवितरहनीचाहिएहमउसेअपनेअंदरसेमिटाकरबहुतजल्दबड़ेहोजातेहैं।इसकाव्यसंग्रहमेंउनसंवेदनाओंकोजीवितकरनेकीकोशिशकीहै।जिसेमहसूसकर,वअपनाकरआपकेजीवनमेंढेरोंखुशियांवअपनेपनकेमेलेलगजाएंगे।मेरीशुभकामनायें।
डॉविकाससिंघल(रेडियोलोजिस्ट)
कविडॉक्टरअवनीशसिंघलकायेकाव्यसंग्रहमानवीयसंबंधोंकोउजागरकरताहै।आधुनिकसमयकीजटिलताओंनेमानवीयसंबंधोंकोभीझकझोरडालाहै।आत्मीयताऔरसहजतासंबंधोंमेंरहीहीनहीं।कविनेअपनेसंग्रहकीएककवितामेंलिखाहैकि“सिसकतीहैंसंवेदनाएंपरआँखेंअश्कोंसेखाली“।मानवहृदयमेइससेअधिकवेदनाऔरक्याहोसकतीहैजबयेमहसूसहोनेलगे,जैसाकीउन्होंनेअपनीकवितामेंलिखाहै“श्मशानोंमेंहैरौनक,गलीख़ालीमौहल्लेखाली“।मानवजीवनमेंसंबंधोंवसंबंधोंमेंसंवेदनाओंकेस्थानकोबखूबीबतानेकाप्रयासकियाहै।इसकाव्यसंग्रहकेद्वारासमाजमेंएकसंदेशभीजाताहै।यहउनकीप्रथमरचनाहैजिसकीअपारसंभावनाएंहैं।मेरीशुभकामनायें।
अल्का(लेखिकाधुंधलेमंजरवसमाधिस्थ)