



सत्य
...तुम्हारा साथ ही शाश्वत है।
-
- $4.99
-
- $4.99
Publisher Description
“आप एक कवि नहीं हैं, बल्कि आपने जो कुछ लिखा है वह अधिक बाहरी आकर्षण से प्रेरित है - अंतरात्मा से कम जुड़ा हुआ है। संक्षेप में आपको वर्णित करना हो तो.... Words fail me to express… How influential and touchy a poet you are, I still can say no one knows better than you To play with words in feelings of the heart… Perhaps you are disappointed over your dreams being crushed But I feel your agony is what has purified and beautified Your talent, like gold in furnace’s thresh,” शोभा ने कहा। सत्य अचंभित था कि कोई उसकी कविताओं के द्वारा उसे इतनी अच्छी तरह से कैसे समझ सकता है। शोभा ने कहीं बहुत गहरे सत्य के हृदय को छू लिया था। सत्य ने अपने हृदय के कपाट बंद कर रखे थे सभी के लिए और इस कपाट की चाभी बहुत पहले ही नष्ट कर चुका था मगर शोभा ने बिना चाभी के ये द्वार आज खोल दिये थे। यह एक प्रेम कथा है शोभा और सत्य की जो अलग-अलग शहरों, परिवेश और भिन्न-भिन्न जीवन के प्रति विचार रखने वालों की है। इतनी विभिन्नता के बावजूद दोनों में एक चीज समान थी कि दोनों अपने-अपने हृदय में अकेले थे और अपने-अपने हृदय के उस टुकड़े की तलाश में थे जो उन्हें पूरा कर सके। आइये सत्य की इस प्यारी दुनिया में अपने कदम रखते हैं जो जीवन के सभी रंगों को समेटे हुये है और लेखक द्वारा रचे गये हर किरदार को समझते हैं जिन्हें जीवन के हर पहलू को छूने के लिए लेखक द्वारा अपनी कलम की स्याही से चित्रित किया गया है।