परिणीता (Hindi Novel) परिणीता (Hindi Novel)

परिणीता (Hindi Novel‪)‬

Parineeta(Hindi Novel)

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Publisher Description

शरतचन्द्र के उपन्यासों में ‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है। गुरूचरण बैंक में क्लर्क थे। उन्हें जब पाँचवी कन्या होने का संवाद मिला तो एक गहरी सी ठंड़ी साँस लेने की ताकत भी उनमें नहीं रही। पिछले वर्ष दूसरी कन्या के विवाह में उन्हें पैतृक मकान तक गिरवी रखना पड़ा था। अनाथ भानजी ललिता उनके साथ रहती थी जिसकी आयु तेरह वर्ष हो गई थी, किन्तु उसके विवाह में खर्च करने के लिए गुरूचरण के पास तेरह पैसे तक नहीं थे। गुरूचरण के घर के बगल में नवीनचन्द्र राय रहते थे। उनका छोटा बेटा शेखर गुरूचरण के परिवार से बहुत आत्मीयता रखता था। ललिता आठ बरस की थी तभी से शेखर भैया के पास आती-जाती थी। शेखर से ललिता ने पढ़ना-लिखना सीखा तथा उनका हर काम वह बड़े जतन से करती थी। शेखर से पूछे बगैर ललिता का कोई काम नहीं होता था। शेखर के रूपये ललिता जब तब निःसंकोच काम में लेती रहती थी। बचपन से ललिता को शेखर का जो अपार स्नेह मिलता रहा, वही बड़े होने पर एकनिष्ठ प्रेम में बदल जाता है। शेखर को यह दुश्चिन्ता बराबर रहती थी कि ललिता से ब्याह करने के लिए माता-पिता सम्मति नहीं देंगे ओर उसका अन्यत्र विवाह हो जाएगा। एक दिन जब अनायास ललिता उसके गले में माला डाल देती है तो शेखर वापिस उसे माला पहना कर अपनी परिणीता बना लेता है, जो किसी को मालूम नहीं होता।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2014
September 1
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
120
Pages
PUBLISHER
Bhartiya Sahitya Inc.
SELLER
Bhartiya Sahitya Inc.
SIZE
395.4
KB
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