मेरी कहानियाँ-मुंशी प्रेमचन्द-11 (Hindi Stories)
Meri Kahaniya-Munshi Premchand-11(Hindi Stories)
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Publisher Description
प्रेमचन्द जनता के कथाकार थे उनकी कृतियों में समाज के सुख-दुःख, आशा-आकाँक्षा, उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे हृदयों को झकझोरते हैं। वे भारत के प्रमुख कथाकार थे, जिनको पढ़े बिना भारत को समझना संभव नहीं। प्रेमचन्द हर व्यक्ति की, पूरे समाज की और देश की समस्याओं को सुलझाना चाहते थे, पर हिंसा से नहीं, विद्रोह से नहीं, अशक्ति से नहीं और अनेकता से भी नहीं। वे समस्या को सुलझाना चाहते थे प्रेम से, अहिंसा से, शान्ति से, सौहार्द से, एकता से और बन्धुता से। प्रेमचन्द आदर्श का झण्डा हाथ में लेकर प्रेम एकता, बन्धुता, सौहार्द और अहिंसा के प्रचार में जीवन पर्यन्त लगे रहे। उनकी रचनाओं में उनकी ये ही विशेषतायें तो है। भारतीय साहित्य संग्रह ने उनकी 322 कहानियों को इस ‘मेरी कहानियां’ श्रृंखला के 27 भागों में सुधी पाठकों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।