अनंत पथ पर
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Publisher Description
यहकिताबएककहानीसंग्रहहैजिसमेंलेखककीसत्रहपसंदीदाकहानियाँसंकलितहैं।सामाजिकबन्धन,भौतिकवादीसंस्कृति,ग़रीबी,समाजकाशोषितवर्ग,सामाजिकमूल्योंकाविघटनआदिसमस्याओंकासूक्ष्मविश्लेषणएवंचिंतनइनकहानियोंकेमाध्यमसेलेखकनेकियाहै।एकथैलेसीमियारोगपीड़िताजीवनसेनिराशहोकरएकबंदकमरेमेंअपनेविचारोंकोचित्रितकरतीहै,लेकिननियतिउसेलेजातीहै‘अनंतपथपर’।कहानी‘स्वप्नसारांश’जीवनकामर्मसमझातीहैतो‘रेलकीपटरी’सामाजिकबन्धनकीआहटऔरउससेनिकलनेकीछटपटाहटदिखातीहै।कहानियाँ-‘अपराध-बोध’,‘दुपहिया’,‘जीवनसंध्या’सामाजिकबन्धनऔरमध्यमवर्गीयभारतीयपरिवारकीकुण्ठाकोदर्शातीहैंतो‘स्नेह-स्पर्श’भौतिकवादीसंस्कृतिऔरसामाजिकमूल्योंकेविघटनकीकहानीहै।यथार्थकाबोधकरातीऔरभीकहानियाँहैंइसकहानीसंग्रहमें...लेखककाअपनीरचनाकेपात्रोंएवंघटनाओंकेमाध्यमसेविभिन्नसामाजिक,नैतिकएवंपारिवारिकमूल्योंकीविशेषताकोउजागरकरनातथाउसेपाठकोंकेसंज्ञानसंज्ञानमेलानेकाप्रयासहैयहकहानीसंग्रह...अनंतपथपर...