अल्फ़ाज़ों-के-फ़क़ीर अल्फ़ाज़ों-के-फ़क़ीर

अल्फ़ाज़ों-के-फ़क़ी‪र‬

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Publisher Description

मेरी बात "जो गुज़र गयीक़रीब से वो मेरी ज़िन्दगानी थी, जिसको समझा गयाफ़रेब वो हक़ीकत भरी कहानी थी....!!" जी हाँ.... मोहब्बत और ज़िन्दगी से खचाखच भरे ऐसे ही ताने-बाने पर रखी गयी है इस ग़जलों के संग्रह की बुनियाद। मतलब "cc" में हमारे सामान्य वर्ग की युवा पीढ़ी के दिल की ख़्वाहिशों, ज़ज़्बातों, और तबाही से मुख़ातिब कराती हुयी मेरे टूटे-फूटे अल्फ़ाज़ों की एक अदना सी कोशिश है। हालांकि मैं कोई  सुर्ख़-रू अन्दाज़ ग़ज़लकार नहीं हूं, फिर भी मैंने युवा वर्ग के हस्सास व ज़ेहन की तबियत को लफ़्ज़ों के हार में पिरोकर रखने की मज़लूम सी गुस्ताख़ी की है। मैं कहना चाहता हूँ किस कदर युवा किसी सूरत या सीरत के  गिरदाब-ए-ज़ज़्ब में आकर अपनी तमाम मशरूफियत को किनारे कर देता है। किस तरह अपने महबूब की कुरबतों की ख़ातिर एक वहशतियाना अन्दाज़ इख़्तियार कर लेता है।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2020
October 21
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
208
Pages
PUBLISHER
Notion Press
SELLER
Notion Press Media Private Limited
SIZE
1.2
MB