Maa Khandkavya : (माँ खंडकाव्य) Maa Khandkavya : (माँ खंडकाव्य)

Maa Khandkavya : (माँ खंडकाव्य‪)‬

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Descripción editorial

29 मार्च, 1953 को उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद के एक ग्राम रायपुर में जन्मे श्री रवीन्द्र शुक्ल ने समग्र क्रान्ति आन्दोलन में भागीदारी एवम् आपातकाल का विरोध करने के फलस्वरूप जेल-यात्राएं भी की। 1989 से 1996 तक चार बार झांसी से विधायक चुने गये तथा 1992 में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि-मंत्री पद पर आसीन हुए। 1997 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का दायित्व संभाला और 1998 में पुनः इसी पद को सुशोभित किया। राष्ट्र-भक्ति आपका स्वभाव है, अतः ‘वन्देमातरम्’ गीत को उत्तर प्रदेश के समस्त विद्यालयों में लागू करने का निर्णय लिया, फलस्वरूप मंत्री परिषद् से हाथ धोना पड़ा।अपने स्वभाव के अनुरूप ही आपका समस्त लेखन भी राष्ट्र-चिन्तन को समर्पित है जिसका उदाहरण आपकी काव्यकृतियां ‘नगपति मेरा वंदन ले लो’ एवम् ‘मां’ हैं।

GÉNERO
Ficción y literatura
PUBLICADO
2015
20 de agosto
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
54
Páginas
EDITORIAL
Diamond Books
VENDEDOR
diamond pocket books pvt ltd
TAMAÑO
615.5
KB