Ye Mayakada Hai, Mayakada (ये मयक़दा है मयक़दा) Ye Mayakada Hai, Mayakada (ये मयक़दा है मयक़दा)

Ye Mayakada Hai, Mayakada (ये मयक़दा है मयक़दा‪)‬

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Descripción editorial

ये मयक़दा है मयक़दा : व्यंग्यकार एवं कवि प्रेम निशीथ का जन्म सन् 1944 में कानपुर में हुआ था। विज्ञान के छात्र होने पर भी साहित्य और अध्यात्म से काफी जुड़े रहे। आध्यात्मिक जिज्ञासाओं के चलते तमाम उपलब्ध साहित्य का गहन अध्ययन और चिन्तन करते हुये, अन्तत: सन् 1974 में जब ओशो के सम्पर्क में आये तो जीवन और जगत को देखने-समझने के लिये एक नयी दृष्टि मिली। विभिन्न पत्रिकाओं में व्यंग्य और कवितायें निरन्तर छपती रही हैं। व्यंग्य संग्रह 'हर आइना हैरान है' और काव्य-संग्रह 'उसी की ये शराब' प्रकाशित हो चुकी है। 'बुद्धत्व खड़ा बाजार में' शीर्षक पुस्तक में वो स्वामी ज्ञानभेद के साथ सह-लेखक की भूमिका में हैं। निकट भविष्य में एक काव्य-संग्रह और 'खलील जिब्रान' पर पुस्तकें प्रस्तुत करने की योजना है।

GÉNERO
Ficción y literatura
PUBLICADO
2020
15 de julio
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
192
Páginas
EDITORIAL
Diamond Pocket Books
VENDEDOR
diamond pocket books pvt ltd
TAMAÑO
1.4
MB