देवी दोहावली देवी दोहावली

देवी दोहावल‪ी‬

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Publisher Description

शुभ साधन है साधना, सृजन कर्म निष्पाप
दोहा लिखना छंद में, लगता मुझको जाप

दोहे मन भावन लिखे, मन अब हुआ प्रसन्न
भूखे को जैसे मिला, बहुत दिनन में अन्न

मृदुल-मृदुल महका सुमन, गूंथा छंद का हार
सजदे में सिर झुक गया, देख सृजन संसार

दोहा मुक्तक छंद है:

ललित छंद दोहा अमर, भारत का सिरमौर
हिन्दी माँ का लाड़ला, इस सा छंद न और

उन महान दोहकारों को जो वेदों के रचयिता व् पुरानों के पुरोधा रहे. इस छंद में एक लय-सुर ताल की पीठिका स्थापित कर गए.

देवी नागरानी

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2018
February 8
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
25
Pages
PUBLISHER
Raja Sharma
SELLER
Draft2Digital, LLC
SIZE
186.3
KB

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