हुआ सो न्याय हुआ सो न्याय

हुआ सो न्या‪य‬

    • 0,99 €
    • 0,99 €

Beschreibung des Verlags

कुदरत के न्याय को यदि इस तरह समझोगे की “हुआ सो न्याय” तो आप इस संसार से मुक्त हो जाओगे। लोग जीवन में न्याय और मुक्ति एक साथ ढूँढते हैं। यहाँ पूर्ण विरोधाभास की स्थिति है। ये दोनों आपको एक साथ मिल ही नहीं सकते। प्रश्नों का अंत आने पर ही मुक्ति की शुरूआत होती है। अक्रम विज्ञान में सभी प्रश्नों का अंत आ जाता है, इसलिए यह बहुत ही सरल मार्ग है। दादाश्री की यह अनमोल खोज है की कुदरत कभी अन्यायी हुई ही नहीं है। जगत् न्याय स्वरूप ही है। जो हुआ सो न्याय ही है। कुदरत कोई व्यक्ति या भगवान नहीं है कि उस पर किसी का जोर चल सके। कुदरत यानि साईन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एवीडेन्स। कितने सारे संयोग इकट्ठे हों, तब कार्य होता है। दादाश्री के इस संकलन में, हुआ सो न्याय का विज्ञान प्रस्तुत किया गया है। इस सूत्र का जितना उपयोग जीवन में होगा, उतनी ही शांति बढेगी।

GENRE
Gesundheit, Körper und Geist
ERSCHIENEN
2016
18. Juni
SPRACHE
HI
Hindi
UMFANG
37
Seiten
VERLAG
Dada Bhagwan Vignan Foundation
GRÖSSE
492,3
 kB

Mehr Bücher von Dada Bhagwan & Dr. Niruben Amin

Leben ohne Konflikte Leben ohne Konflikte
2017
Der Fehler liegt beim Leidenden (In German) Der Fehler liegt beim Leidenden (In German)
2017
Geld Geld
2017
Wer bin Ich? (In German) Wer bin Ich? (In German)
2017
Anger (In German) Anger (In German)
2017
Die Wissenschaft der Sprache (Abr.)(German) Die Wissenschaft der Sprache (Abr.)(German)
2017

Kund:innen kauften auch

Hindi Short Stories for Children ( छोटी बाल कहानिया ) Hindi Short Stories for Children ( छोटी बाल कहानिया )
2012
Delhi De Kingre Delhi De Kingre
2013