Srishti (Hindi) Srishti (Hindi)

Srishti (Hindi‪)‬

    • 0,99 €
    • 0,99 €

Descripción editorial

(अदन की वाटिका, तीसरे पहर का समय। एक बड़ा सांप अपना सिर फूलों की एक क्यारी में छिपाये हुए और अपने शरीर को एक वृक्ष की शाखाओं में लपेटे हुए पड़ा है। वृक्ष भलीभांति च़ चुका है, क्योंकि सृष्टि के दिन हमारे अनुमान से कहीं अधिक बड़े थे। सर्प उस व्यक्ति को नहीं दिखाई दे सकता जिसको उसकी विद्यमानता का ज्ञान नहीं है, क्योंकि उसके हरे और भूरे रंग के मेल से धोखा होता है। उसके निकट ही फूलों की क्यारी से एक ऊंची चट्टान दिखाई दे रही है। यह चट्टान और वृक्ष दोनों एक हरियाली के किनारे पर हैं, जिसमें एक हरिण का बच्चा मरा और सूखा हुआ पड़ा है और उसकी गर्दन टूट गई है। आदम अपने एक हाथ के सहारे चट्टान पर झुका हुआ मृत शरीर को भयभीत होकर देख रहा है, उसने अपनी बाईं ओर सर्प को नहीं देखा है। वह दाहिनी ओर मुड़ता है और घबराकर पुकारता है।)

आदम-हौआ, हौआ !

हौआ-क्या है, आदम ?

आदम-यहां आओ, शीघर कुछ हो गया है !

हौआ-(दौड़कर) क्या, कहां ? (आदम हरिण के बच्चे की ओर संकेत करता है) ओह ! (वह उसके पास जाती है और आदम को भी उसके साथ जाने का साहस होता है) उसकी आंखों को क्या हो गया?

आदम-केवल आंखें नहीं, यह देखो (उसको ठुकराता है।)

हौआ-अरे यह न करो, यह जागता क्यों नहीं ?

आदम-मालूम नहीं, सो नहीं रहा है।

हौआ-सो नहीं रहा है ?

आदम-देखा तो !

हौआ-(हरिण के बच्चे को हिलाने और उलटने की चेष्टा करते हुए) यह तो कठोर और ठंडा हो गया है !

आदम-कोई वस्तु इसको जगा नहीं सकती ?

हौआ-इसमें तो विचित्र गंध है, ओह ! (अपना हाथ झाड़ती है और उसके पास से हट जाती है) क्या तुमने इसको इसी दशा में पाया था ?

आदम-नहीं, अभी खेल रहा था कि ठोकर खाकर लड़खड़ाता हुआ गिर पड़ा, फिर वह हिला तक नहीं और इसकी गर्दन में कोई दोष हो गया है। (गर्दन उठाकर हौआ को दिखाने के लिए झुकता है।)

हौआ-मत छुओ, इसके पास से हट जाओ। (दोनों पीछे हट जाते हैं और थोड़ी दूर से उस लोथ पर ब़ती हुए घृणा से विचार करते हैं।)

GÉNERO
Ficción y literatura
PUBLICADO
2014
3 de julio
IDIOMA
HI
Hindi
EXTENSIÓN
26
Páginas
EDITORIAL
Sai ePublications & Sai Shop
TAMAÑO
155,2
KB

Más libros de Premchand

कुछ विचार कुछ विचार
2016
ग्राम्य जीवन की कहानियाँ ग्राम्य जीवन की कहानियाँ
2016
अहंकार अहंकार
2016
निर्मला निर्मला
2016
गोदान गोदान
2016
युग-स्रष्टा युग-स्रष्टा
2016